शरद पूर्णिमा के अनजाने रहस्य
हिंदुस्तान त्योहारों का देश है। हर कुछ दिन में आपको कोई न कोई त्योहार तो मिल ही जायेगा। कई त्योहार आपके लिए known होते हैं, और कई unknown। देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग प्रकार के त्योहार होते हैं। और आपको जान के अच्छा लगेगा की इन हर त्योहार के पीछे कुछ ना कुछ logic होता ही है। इस वेबसाइट पे ऐसी सारी लॉजिकल बातें मिल जाएंगी। आज हम बात करने वाले हैं शरद पूर्णिमा की। पूर्णिमा तो हर महीने आती हैं, तो शरद पूर्णिमा को इतना महत्व क्यों दिया जाता है? इस दिन चंद्र में ऐसी क्या खास बात होती है? क्यों शरद पूर्णिमा को खीर या दूध पोहा खाया जाता है? ये सब का answer आज के आर्टिकल में है। आज आपको बोहोत interesting बातें जानने मिलेगी ये surety मेरी!!
शरद पूर्णिमा बोहोत पौराणिक काल से मनाया जा रहा त्योहार है। कई जगह इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। शरद पूर्णिमा 2022 की तारीख 9 अक्टूबर, 2022 और रविवार के दिन है। हर साल शरद पूर्णिमा कब मनाई जाती है? तो ये बात हम जानते हैं की भारत के लगभग सारे त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं। हिंदू कैलेंडर या पंचांग के अनुसार अश्विन मास की पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है।
हम इस आर्टिकल में शरद पूर्णिमा के विविध पहलू के बारे में बात करेंगे। हम देखेंगे की भारत के अलग अलग हिस्सों में शरद पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है? इसके साथ साथ हम वो भी जानने की कोशिश करेंगे की शरद पूर्णिमा का क्या significance है। शरद पूर्णिमा की विधियों के पीछे छिपा राज़ क्या है वो भी हम जानेंगे। इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िएगा ताकि शरद पूर्णिमा का साइंटिफिक point of view आपके जानने में आए।
शरद पूर्णिमा कैसे मनाया जाता है?
शरद पूर्णिमा के त्योहार में चंद्रमा का बड़ा महत्व होता है। कहा जाता है की इस रात को चंद्रमा सोलह कला से युक्त होता है। तो सब लोग चांद के साथ वक्त बिताते हैं। लोग अपने घर के आंगन में या छत पे बैठके चंद्र की सुंदरता का लुत्फ उठाते हैं।
शरद पूर्णिमा को लक्ष्मीजी की पूजा होती है। लोग लक्ष्मी जी की आराधना में उपवास करते हैं, और रात में खीर खाकर वो उपवास तोड़ा जाता है। शरद पूर्णिमा के मुहूर्त में लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और उन्हें धान चढ़ाया जाता है। कहा जाता है की इस शरद पूनम की रात को देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर हर घर में घूमते हैं। और जो घर में कोई जाग रहा हो वहा लक्ष्मीजी पधारती हैं ऐसी मान्यता है।
भारत के कई जगहों में, खास कर south India में इस दिन कार्तिकेय की भी पूजा होती है। अविवाहित लड़कियां उपवास करती हैं, और कार्तिकेय देव की पूजा करती हैं। ऐसा कहा जाता है की शरद पूर्णिमा के उपवास से अविवाहित लड़कियों को कार्तिकेय जैसा सुंदर पति मिलता है।
एक प्रथा जो पूरे भारत में अलग अलग स्वरूप से की जाती है वो दूध और चावल खाने की है। शरद पूर्णिमा की शाम को दूध में चावल पका के, या दूध में पके हुए चावल डाल के उसे चंद्रमा की रोशनी में रख देते हैं। फिर आधी रात को उसे खाया जाता है। शरद पूर्णिमा को गुजरात में दूध में भिगोया पोहा खाते हैं, कई जगह पे चावल की खीर भी खाई जाती है।
ब्रिज के आसपास के इलाकों में शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं। क्योंकि कहते हैं इस रात्रि को ही श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ महा रास रचाया था। इसलिए कृष्ण भगवान के उपासक शरद पूर्णिमा की रात्रि में रास खेलने का आयोजन करते हैं, और सुबह तक रास खेला जाता है।
शरद पूर्णिमा का क्या महत्व है?
शरद पूर्णिमा एक harvesting season में आता त्योहार है। खेतों में से धान सब काट के लाने की शुरुआत होती है इस दिन से। इसलिए सब से पहले लाए धान को लक्ष्मी मां को अर्पण किया जाता है। हमारे देश के लोगों में हमेशा सत्कार भावना रही है। धान देवी को धारा के एक तरीके से हम उन्हे thank you ही कह रहे होते हैं। और अच्छी फसल हुई होती है, तो उसका celebration तो बनता ही है। इसलिए फिर खीर बनाके सब के साथ बैठ के खाते हैं।
चंद्र और शरद पूर्णिमा का गहरा संबंध है। इस रात्रि को कई जगह चंद्र की पूजा होती है, तो कई जगह उसकी चांदनी लेने की प्रथा है। तो इसका क्या कारण हो सकता है? शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र पृथ्वी के सबसे करीब होता है। पृथ्वी और चंद्रमा का distance शरद पूनम को सबसे कम होता है। कहते हैं की शरद पूर्णिमा को चांद सोलह कलाओं से खिलता है। और चंद्र की चांदनी इस दिन बोहोत ही तेज भरी होती है। ये देखा गया है की इस पूनम की चांदनी बोहोत हितकारी होती है। इसलिए रास गरबा के रूप में या कोई और रूप से चंद्र की रोशनी में ज्यादा समय बिताया जाता है।
शरद पूनम को दूध पोहा क्यों खाए जाते हैं?
आप ये जान कर चौंक जाएंगे की इस सवाल का जवाब मुझे science और आयुर्वेद से मिला। मेरे मानने में नही आ रहा था की हमारे पूर्वज कितने intelligent थे की बिना कोई scientific research उन्होंने इतना सुंदर ritual बनाया जो हमे कई सारे रोगों से बचाता है।
चंद्र की रोशनी पूरे पृथ्वी ले लिए बोहोत फायदे देती है। और शरद पूर्णिमा को जब चांद हमारे सब से करीब होता है, तो ये फायदे और भी बढ़ जाते हैं। चंद्र और मानव शरीर का भी गहरा संबंध है। जैसे चंद्र की कलाओं के आधार पर पृथ्वी के समंदर में पानी कम ज्यादा होता है, ठीक वैसे ही मानव शरीर पर भी उसका असर होता है। पर क्युकी अब हम nature से इतना दूर हो गए हैं, तो ये बातें अब हमारी समझ में नहीं आती। पर ये सारे rituals हमें नेचर के करीब ले जाते हैं।
शरद पूर्णिमा की रात को दूध और पोहा जब हम चांदनी में पकने रखते हैं, तो चंद्र की सभी गुणकारी शक्तियां दूध में आ जाती है। पोहा या चावल ही क्यों use होता है? क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार चावल और चंद्र के गुण मिलते हैं। इसलिए चांदनी की हितकारी शक्तियां चावल आसानी से absorb कर सकता है।
इस सीजन के दौरान दूध पोहा या खीर खाने के बोहोत फायदे हैं। आयुर्वेद में तो इसे बोहोत ही importance दिया गया है। मेरे हिसाब से तो शरद पूर्णिमा को खाया जाने वाला दूध चावल एक vaccine के जैसे काम करता है। ये बदलती ऋतु के दौरान जब दूध और चावल खाते हैं तो शरीर में पित्त की मात्रा कम हो जाती है। पित्त की मात्रा शरीर में बढ़ने से कई रोग होने की शक्यता होती है। इसके अलावा शरद पूनम को खीर या दूध पोहा खाने से immunity power भी बढ़ता है। आने वाली सर्दी की मौसम में होने वाले सभी रोगों से रक्षा मिल सकती है सिर्फ एक रात को ये दूध पोहा खाने से।
खास कर जब हम भी चांदनी में समय बिताते हैं तो ये सब फायदे बोहोत ही बढ़ जाते हैं। ये रिसर्च में पाया गया है की चांदनी में बैठने से hormone levels बैलेंस में रहते हैं। Vitamin D absorb करने की शक्ति भी बढ़ती है। शरीर में अगर कोई इन्फ्लेमेशन हो तो वो भी कम हो जाता है। इसके अलावा रोग प्रतिकारक शक्ति भी बढ़ती है ऐसा देखा गया है।
ये ritual आपको नेचर के साथ अपनो के भी करीब ला सकता है। छत पे या आंगन में बैठके जब आप चांदनी का मजा ले रहे हो, और साथ में परिवार और दोस्त सब हों तो मजा डबल हो जाता है। आप रास गरबा भी कर सकते हो, तो आपका workout भी हो जाएगा। * एक काम दो काज* Do you agree? तो इस बार ये जरूर try कीजियेगा। एक कटोरी में दूध और पोहा mix करके उसे ढक के चांदनी में रख दीजिए। दो तीन घंटे तक आप भी उस चांदनी की किरणे लीजिए। फिर सब साथ मिलके वो ठंडा ठंडा दूध पोहा खाइए।
आशा करते हैं की इस आर्टिकल से आपको शरद पूर्णिमा का नया view मिला होगा। शरद पूर्णिमा 2022 को आप बड़े उमंग के साथ मनाएंगे। ऐसे और इंटरेस्टिंग टॉपिक्स जानने के लिए इस website को चेक करते रहिए। हमारे साथ जुड़े रहिए। अगर आपको कोई curious सवाल हो तो वो आप नीचे कमेंट फॉर्म में लिख के हमे बता सकते हैं।
Thank you for reading!
Stay happy! Stay healthy!
Manish Mevada
I like it,because it's a very knowledgeable site
ReplyDeleteNice information..
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