चाय की चर्चा
हम बचपन से हमारे आसपास चाय देखते आ रहे हैं। भारत में हर घर की सुबह और शाम चाय के बगैर हो ही नही सकती। सच कहूं तो मेने आजतक ऐसा एक भी घर नही देखा जहां चाय ना पी जाती हो। और interesting बात तो ये है की हर घर की चाय अलग अलग होती है। हर घर में कमसे कम एक व्यक्ति तो ऐसा मिल ही जायेगा जिसकी नींद उसने के लिए चाय चाहिए ही चाहिए। यही कारण है की दुनियाभर में सबसे ज्यादा चाय पी जाने वाला देश अपना भारत है।
चाय का इतिहास
पर आपने कभी ये सोचा है की क्या चाय पहले से ही भारत की उत्पाद है या चाय का origin कहीं और है।
ये बात थोड़ी shocking है। मुझे जब ये बात पता चली तो मेरे होश उड़ गए थे। आपके भी मानने में नही आयेगी ये बात। बात ये है की चाय विदेशी हैं। चाय Indian नहीं है।
तो सवाल आता है की चाय विदेशी है तो अपने देश में कहा से आई। ऐसा क्या हो गया की जो अपनी उत्पाद थी भी नही, उससे हम इतना जुड़ गए की अब चाय के नाम से भारत पहचाना जाने लगा है? भारत में चाय कौन ले कर आया?
चाय चीन से भारत आई है। ये कहानी बोहोत लंबी है पर दिलचस्प भी। पर अभी शॉर्ट में बताते हैं आपको, की चीन में करीबन 2000 सालों से चाय का उत्पादन और use हो रहा है। अगर चाय चाहिए तो सिर्फ चीन से ही मिल सकती थी ऐसा समय था वो। एक बार ब्रिटिश लोगों ने चाय चख ली, और उन्हें वो बड़ी पसंद आई। पर चीन से उसे लाना बोहोत ज्यादा महंगा हो रहा था। इसलिए ब्रिटिश शासन के दौरान, चाय के कई पौधे चीन से smuggle किए गए। और उन्हें भारत के अलग अलग जगहों पे (जैसे की बंगाल, आसाम etc.) उगाना शुरू कर दिया। ऐसे शुरू हुआ भारत और चाय का नाता।
पर अब सवाल ये आता है की अगर ब्रिटिश लोगों ने अपने लिए चाय मंगवाई थी, तो भारत के लोगों ने चाय कैसे अपनाई? ब्रिटिश कंपनी ने ऐसा क्या किया की भारत के घर घर में आज चाय का राज हो गया है?
हर घर तक चाय केसे पोहोची? चाय की मार्केटिंग
ब्रिटिशरो ने चाय का उत्पादन तो शुरू कर दिया था, पर भारत में उसे पीने वाले सिर्फ ब्रिटिश लोग ही थे। ब्रिटिश लोगों की चाय ब्लैक टी होती थी, जो भारत के लोगों के स्वाद में नहीं बैठती थी। तो इंडियन chef की सलाह ले कर चाय को इंडियन स्वरूप दिया गया। चाय पत्ती को सिर्फ पानी नहीं दूध और मसालों के साथ बनाने लगे, ये स्वाद भारत के लोगों को पसंद आ सकता था। पर चाय की बिक्री तभी बढ़ती जब हर किसी ने चाय को चखा हो।
इसलिए उन्होंने चाय की मार्केटिंग शुरू की। उन्होंने हर रेलवे स्टेशन पे मुफ्त में चाय बेचनी शुरू कर दी। और साथ साथ महिलाओं को चाय के benefit समझाने लगे, चाय स्वास्थ्यवर्धक है इस बात को महत्व दिया जाने लगा। अलग अलग रूप से उन्होंने ऐसा चित्र खड़ा कर दिया कि जो महिला को अपने घर के लोगों के स्वास्थ्य की चिंता हो वो घर में अवश्य चाय बनाएगी। इस तरह भारत के हर घर में चाय ने अपना पैर जमाया, जो आज तक चलता आ रहा है।
पर क्या सच में चाय फायदेमंद है या हानिकारक? तो आइए चाय के फायदे और नुकसान देखते हैं।
चाय के फायदे
जो चाय के प्रेमी होते हैं वो चाय के गुणगान गाते फिरते हैं। तो आइए थोड़े कुछ गुणगान, यानी की चाय से होते फायदे हम भी जान लेते हैं।
चाय एक मूड बूस्टर है : क्या आपने कभी ये महसूस किया है की आप थके हुए हैं और आपका मूड बिगड़ा हुआ है, तो चाय की एक चुस्की से आप का मूड ठीक हो जाता है। तो ऐसा क्यों? चाय में कुछ मात्रा में कैफ़ीन होता है। Caffeine की ये खासियत है की इसको ग्रहण करने से आपके दिमाग को अच्छे सिग्नल मिलने लगते हैं। और उसके परिणाम स्वरूप आपका मूड भी ठीक हो जाता है। खास कर green tea stress relief में काफी हेल्प करती है।
वजन कम करने का उपाय: चाय हमारे शरीर में metabolism boost करती है। जिसके कारण शरीर में ऊर्जा का अच्छे से उपयोग होता है। इसकी वजह से शरीर में वजन काबू में रहता है। हालाकि ये बात रिसर्चर ने सिर्फ green tea के लिए ही पुष्ट की है। Green tea से वजन कम होता है ये बात आज कौन नही जानता। पर सिर्फ वजन कम करने में ही नही, green tea से शरीर में ऊर्जा भी आ जाती है।
चाय से immunity भी बढ़ती है : भारत में चाय कई मसालों के साथ बनाई जाती है। अदरक, इलायची, तुलसी, लौंग आदि हमारे शरीर में immune system को मजबूत करते हैं। इसलिए हम जब खांसी या जुकाम होता है तो बड़े बुजुर्ग हमें ऐसे मसाले वाली गरमा गरम चाय पीने की सलाह देते हैं।
सामाजिक जीवन में help करती है चाय : भारत में ये रिवाज़ सा हो गया है की मेहमान आए तो उनके लिए और कुछ हो न हो, पर चाय जरूर बनती है। चाय की चुस्की लेते लेते दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ बातें करने का मज़ा ही कुछ और है। है ना? आपके दोस्तों के साथ चाय से जुड़ी यादें हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिख भेजें।
चाय के नुकसान
चाय के इतने फायदे सुनने के बाद उसके थोड़े नुकसान भी सुन लेते हैं। धरती से निकलती हर चीज का कोई ना कोई फायदा जरूर होता है। पर फायदे की निर्भरता उस बात पे है की हम उसे कैसे इस्तेमाल करते हैं। अगर कोई कितनी भी अच्छी चीज हो, पर हम उसे सोचे समझे बगैर इस्तेमाल करेंगे, तो फायदे से ज्यादा नुकसान ही सहना पड़ेगा।
नींद उड़ा देती है चाय: चाय में जो कैफ़ीन होता है, उसके ज्यादा सेवन से नींद कम आती है ऐसा रिसर्च में पाया गया है। कई लोग इसका रातभर जागने के लिए इस्तेमाल भी करते हैं, पर ज्यादा चाय पीने से CHRONIC INSOMNIA का शिकार हो सकते हैं।
चाय का नशा: चाय के आदि कई लोग आपने देखे होंगे। ऐसे लोगों को चाय ना मिलने पर सरदर्द, भूख ना लगना जेसी कई प्रोब्लम हो सकती हैं। इस बात को हम नुकसान में इसलिए गिन रहे हैं, क्योंकि कोई भी चीज का नशा हमारे शरीर के लिए नुकसान कारक हैं।इससे हमारे चेतातंत्र पे बोहोत असर होता है।
चाय से एसिडिटी होती है: जिन लोगों को पहले से ही एसिडिटी की बीमारी हो, उन्हे चाय से ज्यादा तकलीफ हो सकती हैं। कई cases में चाय से होती acidity के कारण पेट में ulcers तक हुए पाए गए हैं। ये दिक्कत से लड़ने का एक ही इलाज है की सुबह उठकर खाली पेट चाय ना पिए।
Diabetes और चाय: हमारे यहां चाय पीने के आदि लोगों को चाय मीठी चाहिए होती है। चाय के नुकसान में से सबसे बड़ा नुकसान ये चीनी करवाती है। हमारे देश वैसे भी diabetes के बोहोत ज्यादा मरीज़ है, और लगभग वो सभी चाय के आदि होते हैं। अगर डॉक्टर चीनी के लिए सख्त मना करे, तो ये लोग artificial sweetener को चाय में डालते हैं। जो की डायबिटीज को और भी बढ़ावा देती है।
तो आप ये पूछेंगे की चाय से पहले भारत में क्या पिया जाता था? चाय के बदले हमें क्या पीना चाहिए? दोनों का एक ही जवाब है। चाय के भारत में प्रचलन से पहले यहां अलग अलग काढ़े पिए जाते थे। कई हर्बल टी पी जाती थी जिसमें medicinal herbs को पानी में उबाल कर उसे पीते थे। जहां गन्ने की खेती होती थी, वहां सुबह में गन्ने का रस पिया जाता था। उपरांत कांजी का उपयोग सुबह के नाश्ते में होता था। कांजी बनाने के लिए रात को कोई भी अनाज को भिगो के पका कर बाहर खुले में रख देते हैं, और सुबह में उसे पिया जाता है। चाय के बदले हम भी ये सब पी सकते हैं।
आखिर में बात ये ही है की चाय कोई बुरी चीज नही है, पर उसका सोच समझ कर और हमारे शरीर के अनुरूप इस्तेमाल हो तो ही हम उससे फायदा ले सकते हैं। वरना तो हम ही बीमारी को न्योता दे देंगे। आशा करते हैं की आपको ये आर्टिकल पढ़के चाय के बारे में नई बातें जानने मिली होंगी। अगर आपको हमारा ये आर्टिकल अच्छा लगा तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिख के हमे बताइए। अगर कोई और suggestion आपको हमसे share करना हो तो भी हम सुनने के लिए आतुर हैं।
Thank you for reading!
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Manish Mevada
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