क्यों युवाओं में बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? ( PART -1)

Manish Mevada Biology

आपके आसपास भी young लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो रही है? क्या उसका कारण जानते हैं? क्या इसके पीछे COVID 19 जिम्मेदार है? हार्ट अटैक के मुख्य कारण हम इस आर्टिकल में discuss करेंगे।


क्यों युवाओं में बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले?

आजकल हमारे आसपास ऐसी खबरें सुन रहे हैं जिसमें 30 से 50 साल के नवयुवक जो वैसे तो हेल्थी दिखते हैं उनकी हार्ड अटैक से मौत हुई है। Actually, पहले भी ऐसी खबरें आती थी पर अब यह स्पीड बढ़ती ही जा रही है। जो हमारे दिल में एक दर्द और भय का वातावरण बना रही है। ये डर इतना ज्यादा है की आज कल twitter trending में बाकी समाचारों के साथ #heartattack trend कर रहा है।

आज इस आर्टिकल में हम लोग हमारे देश को हार्टअटैक की इस आंधी से कैसे बचा सकते हैं वह जानेंगे।


Heart attack और भारत: क्या संबंध है?


वैसे तो heart attack का सीधा रिश्ता दिल से है। मतलब की दिल का स्वास्थ्य ठीक हो तो heart attack की संभावना कम रहती है। पर दिल का स्वास्थ बोहोत सारे parameter पर निर्धारित है। जैसे की आपका आहार – विहार,आनुवंशिक बीमारी वगैरह। 

कुछ रिसर्च तो ऐसा भी कहती हैं, की भारतीयों के DNA यानी कि आनुवांशिकता में ही दिल की बीमारी आई है। Simple भाषा में कहें तो, हमारे शरीर के कोष में कुछ ऐसे कण हैं जो हार्ट अटैक की संभावना बढ़ा देते हैं। एक स्टडी के अनुसार बाकी के देशों की तुलना में भारतीयों को हार्ट अटैक होने की संभावना 50% ज्यादा है। 

लेकिन ये gene तो हमारे पूर्वजों में भी रहा ही है, और इस दौर से पहले heart attack के किस्से कभी इतने ज्यादा नही हुए, वो भी खास करके युवकों में। तो अचानक ऐसा क्या हो गया की युवा पीढ़ी इस बीमारी का शिकार होती जा रही है?


भारत के युवा पीढ़ी के लिए सबसे बड़ा खतरा – heart attack


Experts के अनुसार हार्ट अटैक की किस्सों का बढ़ना अचानक नही हुआ है। 21वी सदी की शुरुआत से ही ये दौर शुरू हुआ है। और हार्ट अटैक से होती युवानो की मौत भी काफी सालों से बढ़ रही है। 

लेकिन अब ये मौत का आंकड़ा इतना ज्यादा बढ़ गया है की सबकी आंखों में चुभ रहा है। अब लगभग हर किसी के नजदीकी फैमिली में हार्ट अटैक से मौत का किस्सा सुनाई पड़ रहा है।

पहले ऐसा कहते थे की ये सब बड़े शहरों में ज्यादा होता है, क्योंकि वो लोग अपनी सेहत का खयाल नहीं रखते। पर हार्ट अटैक की इस आंधी ने इस स्टेटमेंट को भी गलत साबित किया है। ऐसे कई लोग जो physically fit हों, अपनी सेहत का खयाल रखते हों, वैसे भी लोग हार्ट अटैक से मौत का शिकार हुए हैं।

तो आखिर ये हो क्या रहा है? कई लोग इसे COVID 19 बीमारी का after effect कह रहे हैं। मतलब की corona के इन्फेक्शन के बाद शरीर में कुछ ऐसे बदलाव आए हैं, जिनसे हार्ट अटैक बढ़ रहे हैं। कई लोग तो COVID 19 vaccine को भी जिम्मेदार बता रहे हैं। कुछ स्टडीज का कहना है की हार्ट अटैक corona vaccine के dose लेने के बाद की एक side effect है। लेकिन इसके पीछे कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

तो फिर क्या कारण है जिनसे हार्ट अटैक के किस्से इतने ज्यादा बढ़ रहे हैं?

हार्ट अटैक के 3 मुख्य कारण


अब हम जानते हैं की रिसर्च और scientific studies के मुताबिक हार्ट अटैक का प्रमाण बढ़ने का असली कारण क्या है?

वैसे तो छोटे मोटे बोहोत कारण निकल आते हैं। पर डॉक्टर और एक्सपर्ट्स के अनुसार हार्ट अटैक के मुख्य कारण के बारे में आगे डिस्कस करते हैं।


1. आहार की गुणवत्ता

आहार हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आयुर्वेद में ऐसा कहा गया है की ‘जैसा हमारा आहार होगा वैसे ही हमारे विचार होंगे।’ इसलिए हमारे पूर्वज सीधा सादा, लेकिन पौष्टिक खाना खाते थे, और बिलकुल healthy life जीते थे। ऋतु के अनुसार खाना हुआ करता था, और उसको भी सूर्यास्त से पहले खा लेते थे। जिसकी वजह से circadian rhythm रहती थी।  

अब आज कल के फैशन ट्रेंड में हुआ यूं है की हम हमारे पौष्टिक आहार को side में रख के, फास्ट फूड खाने लगे है। ये फास्ट फूड अप्राकृतिक तेल से बना हुआ होता है, और ये fat हमारे दिल के लिए बोहोत हानिकारक हो जाता है। और जब भी मन चाहा तब खाना मिल सकता है, जिसकी वजह से दिन हो या रात कोई भी समय हम खाना खाने लगे हैं। Circadian rhythm की धज्जियां उड़ा चुके हैं हम।

इसकी वजह से शरीर में cholesterol की मात्रा बढ़ जाती है। दूसरे भी कई hormones imbalance हो जाते है। जिसकी वजह से दिल की कामगिरि में problem होती है। जो धीरे धीरे बढ़ती जाती है, और आखिर में वो हार्ट अटैक जैसा बड़ा स्वरूप ले लेता है।

आहार से होते हृदयरोग के उपाय 

घर का बना पौष्टिक आहार खाए।

घर पे बने गाय के घी का खाने में उपयोग करने से bad cholesterol का प्रमाण कम होता है। इसलिए खाने में इसका प्रमाणसर उपयोग करें

Junk food/fast food अगर खाना हो तो उसे एक लिमिट में खाएं। जैसे की अगर आप हररोज packaged food या junk food खाते हैं, तो उसे कम करके हफ्ते में 1 बार तक सीमित कर दीजिए।

खाने को एक schedule के अनुसार खाएं। मतलब की लंच और डिनर का एक नियत समय तय कर लीजिए। और उसी समय पे खाने का आग्रह रखिए।

रात में अगर आपका जागना जरूरी है, तो उस समय खाना avoid कीजिए। क्युकी कुदरत के अनुसार ये समय आपके शरीर में खाना नही जाना चाहिए। रात को munching करने से भी कई hormones disturb होते हैं।



बाकी के दो महत्वपूर्ण कारण हम अगले आर्टिकल में चर्चा करेंगे। तब हम दिल को स्वस्थ रखने के घरेलू नुस्खे भी देखेंगे।

आज का ये आर्टिकल पढ़ के आपको उपयोगी knowledge मिला होगा। तो ये आर्टिकल आप अपने दोस्तों और family के साथ जरूर शेयर कीजिए। ताकि उन्हें भी ये हार्ट अटैक से बचने के तरीके पता चलें।


Thank you for reading!

Stay healthy! Stay happy!



Urvi Bhanushali
Manish Mevada


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